1 अप्रैल 2017 वित्त वर्ष से कई बदलाव - Viral Video On Social Media 1 अप्रैल 2017 वित्त वर्ष से कई बदलाव - Viral Video On Social Media

1 अप्रैल 2017 वित्त वर्ष से कई बदलाव


1 अप्रैल 2017 के बाद प्रारम्भ होने वाले नए वित्त वर्ष से आयकर व वित्तीय लेनदेन में कई बदलाव हो रहे है । आप यह बदलाव अवश्य नोट कर लें ।

(1) जलाई  2017 तक PAN को AADHAR से लिंक करना आनिवार्य हो गया है व नए PAN के लिए भी आवेदन पर AADHAR अनिवार्य कर दिया  गया है । साथ ही रिर्टन पर भी AADHAR  नम्बर लिखना अनिवार्य हो गया है ।

(2) अब जुलाई 2017 के बाद बाजार में नगद लेनदेन सिर्फ ₹ 2 लाख रूपये तक ही किया जा सकता है । ₹ 2 लाख से अधिक नगद लेनेदेन पाये जाने पर 100 % जुर्माना लगाया जाएगा ।

(3) 87 A अंतर्गत टेक्स आयकर रिबेट ₹ 3 लाख 50 हजार तक की आय पर ₹ 2500 कर दी  गयी है । पहले यह ₹ 5 लाख तक की आय पर ₹ 5000 थी ।

(6) आयकर के स्लैब में आंशिक परिवर्तन कर दिया गया है ,अब ₹ 5 लाख तक की आय पर 5 % की दर से आयकर देना होगा । उसके बाद 20 % की दर यथावत है।

(7) सम्मपत्ति से  बेचने से अर्जित आय पर  लॉन्ग टर्म केपिटल गेन मानी जाती है ,यह अवधि 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर दि गयी है ।  अर्थात  किसी  अचल सम्मपत्ति को खरीद कर  2 वर्ष  से कम में बेचा जाता है । तो अर्जित आय पर आप की आयकर स्लैब अनुसार कर देना होगा ।लेकिन 2 वर्ष के बाद बेचा जाता है तो अर्जित आय से  महंगाई वृद्धि  घटाकर सिर्फ 20% कर देय होगा ,टेक्स स्लैब के अनुसार गणना नहीं होगी । और यदि मुनाफे को रिडिमेबल बांड में निवेश कर दिया जाता है तो इस टेक्स भी बचाया जा सकता है ।

(8) राजिव गांधी इक्विटी सेविंग में पहली बार निवेश करने पर आयकर में छूट नहीं मिलेगी । पहले मिलती थी ।

(9) 31 दिसम्बर तक आयकर रिटर्न  से जमा करने पर 5 हजार का जुर्माना और उसके बाद रिटर्न जमा करने पर 10 हजार का जुर्माना लगाया जायेगा (5 लाख से अधिक आय वालो के लिए )
5 लाख तक की आय  वालो को 1 हजार का जुर्माना ।

(10) 5 लाख तक की आय पर के लिए 1 पेज का सरल आयकर रिर्टन फार्म लागु किया जाएगा ।

(11) टेक्स रिटर्न के रिविजन की सीमा 2 वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गयी है। सिर्फ एक वर्ष पहले का ही रिविजन फ़ाइल किया जा सकेगा । अब कोई व्यक्ति अपनी सिर्फ एक वर्ष की ही आयकर फाइल बना सकता है ।

(12) आयकर में गड़बड़ पाये जाने पर 10 वर्ष तक की आय की जांच करने का अधिकार  आयकर विभाग को दिया जायेगा ।पहले 5 वर्ष तक की आय की ही जांच हो पाती थी ।

(13) सभी अप्रत्यक्षय करो के स्थान पर एक देश एक कर का सिद्धान्त लागु किया जा रहा है और GST इसी वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा।

(14) बैंकोें से निकासी - जमा और ATM द्वारा निकासी की सीमा तय कर दी गयी है । सिमा से अधिक पर शुल्क और सर्वीस चार्ज  लगया जाएगा ।

भारतीय स्टेट बैंक समूह में निम्न अनुसार  शुल्क लगेगा ।
(A) महीने में सिर्फ 3 बार  निःशुल्क  पैसा जमा किया जा सकेगा ।उसके बाद प्रत्येक जमा पर ₹ 50 शुल्क और सर्विस चार्ज ।

(B) लेकिन एक दिन में अधितम ₹ 50 हजार नगद जमा किये जा सकते है ।उसके बाद प्रत्येक ₹ 1 हजार पर  ₹ 2.50 शुल्क लगेगा । न्यूनतम शुल्क ₹ 95 । यदी आप ₹53000 जमा करते हैं तो ₹ 102.50 शुल्क लगेगा ।

(C) बचत खातों के न्यूनतम बैंलेंस की सीमा बड़ा दी गयी है  आप की बैंक शाखा महानगरों में है तो ₹ 5000,अन्य शहरों में है तो ₹ 3000 ,अर्ध शहरी क्षेत्र  में  है तो ₹2000  ग्रामीण क्षेत्र में है तो ₹1000  अपने बचत खाते में न्यूनतम  रखना अनिवार्य  हो गया है ।

(D) ATM से नगद  एक माह में 5 निकासी निशुल्क रहेगी और उनके बाद प्रत्येक निकासी पर ₹ 10 रुपये शुल्क लगेगा , महीने में औसत ₹ 25 हजार  रखने वाले ग्राहक के लिए SBI ATM से निकासी की कोई सीमा नहीं है । 1 लाख औसत बेलेंस रखने वाला ग्राहक अन्य बैंक के ATM से भी असीमित निकासी कर सकता है ।

एक अन्य विषय  जिस की अभी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है । लेकिन प्रधानमंत्री जी " मन की बात ''  कार्यक्रम में इसके संकेत दे चुके हैं। बेनामी सम्मत्ति एक्ट में आधार कार्ड को सख्ती से लागू । मिडिया रिपोर्ट  और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगो से भी ज्ञात हुआ है कि इसी वित्त वर्ष से  सभी रजिस्ट्री में आधार नंबर को दर्ज करवाना अनिवार्य  हो जाएगा और इस के लिए एक सॉफ्ट वेयर भी तैयार किया जा रहा है जिस,सम्मपत्ति में आधार दर्ज नहीं होगा वह सम्मपत्ति शून्य घोषित हो जाएगी।

No comments

Powered by Blogger.